दिल्ली – उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के अतर्रा थाना क्षेत्र के खंभौरा गांव में आवारा मवेशियों द्वारा फसल चर जाने के सदमे में शुक्रवार शाम एक बुजर्ग महिला की मौत हो गई। उसके बाद शनिवार सुबह उसके बेटे ने भी सदमे में दम तोड़ दिया। अतर्रा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौरभ शुक्ला ने रविवार को बताया कि खंभौरा गांव में आवारा जानवरों के फसल चर जाने से लगे सदमे में बुजुर्ग महिला डेबरी (70) की मौत शुक्रवार शाम और उसके बेटे रामलाल (36) की मौत शनिवार सुबह होने की सूचना मिली है। परिजनों ने बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है। लेखपाल को जांच के लिए गांव भेजा गया है। दो बीघे जमीन के किसान पीड़ित परिवार को यथासंभव सरकारी मदद दिलाई जाएगी।
मृत युवक रामलाल की पत्नी गुड्डो ने बताया कि उनके पास दो बीघे खेती की जमीन है, जिसमें बोई फसल को आवारा मवेशी और जंगली सुअर चर गए हैं। फसल चर जाने की खबर पर लगे सदमे में शुक्रवार शाम पहले सास डेबरी की मौत हो गई, और उसके बाद शनिवार सुबह पति भी चल बसा। पोस्टमॉर्टम न कराने के सवाल पर गुड्डो ने कहा कि पुलिस ने ऐसे ही दफना देने को कह दिया था। इसी गांव के पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मीकांत यादव उर्फ कल्लू ने बताया कि गांव में कोई गौशाला न होने पर आवारा जानवर दिन-रात फसल नष्ट कर रहे हैं। जंगली सुअरों का भी आतंक है। अब तक किसानों की कई बीघा फसल नष्ट हो चुकी है।
पिछले महीने बांदा जिले में ही खेत की रखवाली कर रहे एक किसान पर आवारा गायों के झुंड ने हमला कर दिया थी. जिसकी वजह से किसान की खेत में ही मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, पिंडखर गांव के साजन का पुरवा में लघु सीमांत किसान रामाश्रय यादव (58) शुक्रवार को अपने खेत में खड़ी धान की फसल की रखवाली कर रहे थे। तभी आवारा गायों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल होकर पानी भरे खेत में बेहोश होकर गिर गया और कुछ देर बाद खेत में ही उसकी मौत हो गई।
रिपोर्ट – न्यूज नेटवर्क 24