नई दिल्ली। चैनलों ने टीआरपी बढाने के चक्कर में आज एक व्यक्ति की जान ले ली। चैनलों पर बेहिसाब बहसें मुद्दा विहीन भड़काउ विषय के सहारे समाज में विष घोलते चैनलों पर रोक लगाने का समय आ गया है। प्रवक्ता बने एंकर जब विपक्ष पर गरजने बरसने लगते हैं तब ऐसी घटनाएं स्वाभाविक हैं। राजीव त्यागी चूंकि कांग्रेस के प्रवक्ता थे इसलिए जाहिर है उन पर प्रहार मिलकर किया ही जाना था। आजतक के दंगल कार्यक्रम में बहस ने राजीव को मौत के मुहाने तक पहुंचाया इसके लिए मीडिया सीधे तौर पर जिम्मेदार है। पूछता है भारत के अरनब का उछलना कूदना चीखना देखना अपने आप में एक दंड है और ऐसे एंकर गैर भाजपाई प्रवक्ता पर जानलेवा दबाव बनाते देखे जा सकते हैं। कई एंकर ऐसे हैं जो सामने वाले को बोलने तक नहीं देते हां अगर वो भाजपा के पक्ष में बोल रहा है तो उसे शो में गाली देने तक की छूट मिल सकती है और अगर टीआरपी उछलवानी हो तो भाजपा के खिलाफ बोलने वाले को स्टूडियो में पिटवा भी सकते हैं। प्रधानमंत्री से आम चूस कर खाते हैं है कि काट कर खाते हैं वाले एंकर जब कांग्रेस या गैर भाजपा के बारे में बात करते हैं तो शब्दों की सारी मर्यादायें लांघ जाते हैं। पूछता है भारत सुशांत सिंह केस में बैचैन है लेकिन बेरोजगारी कोरोना शिक्षा जैसे विषयों पर गूंगा हो जाता है।
अब राजीव त्यागी चूंकि कांग्रेस के थे सो उनकी कवरेज मिलेगी नहीं। आजतक पर रोहित सरदाना के दंगल कार्यक्रम में एंकर ही प्रवक्ता बनकर जब प्रवक्ताओं को जलील करता है तब उसका चैनल टीाआरपी पर कुलांचे मारता है। पूछता है भारत के नाम पर चीखता है भारत के निशाने पर हमेशा ही गैर भाजपाई प्रवक्ता रहते हैं। आज राजीव त्यागी आजतक पर रोहित सरदाना के शो में बहस करते हुए दिल के दौरे का शिकार हुए और उनकी मौत हो गयी। सम्बित पात्रा ने उन्हें ट्वीट कर के श्रद्धांजलि दी है, जो घंटे पर पहले त्यागी को जयचंद जयचंद कह कर उनके माथे पर लगे लाल टीके का मज़ाक उड़ा रहे थे। और तो और न्यूज 18 के एक शो में तो सुमित अवस्थी ने राजीव त्यागी की खासी बेइज्जती तक की थी। अब समय आ गया है कि चीखता है भारत दहाडता है भारत और दंगल में मंगल तलाशने वाले के खिलाफ एक सुर से आवाज आनी चाहिए। शिक्षा स्वास्थ्य और कोरोना की बढ़ती संख्या पर नहीं चीखता भारत। सुशांत सिंह केस की सीबीआई जांच में घुस कर राफेल पर बैठ कर रिपोर्टिंग तो कहीं चांद पर जा कर रिपोटिंग के नजारे दिखाने वाले एंकर टीआरपी बढाने और सरकार की गोद में बैठने को आतुर चैनल अब कुछ भी करने को तैयार है। आज राजीव त्यागी शिकार हुए हैं कल कोई और होगा। एंकरों की हरकतों का विरोध होना चाहिए।