लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने नए कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही मायावती ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है.
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी ना होकर बल्कि संवेदनशील और हमदर्द होना चाहिए. किन्तु दुःख यह है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से किसान यहां आंदोलित हैं. अब किसान जंतरमंतर पर किसान संसद लगाए हैं. केन्द्र चालू सत्र में ही इन कानूनों को रद्द करे. बीएसपी की यही मांग है.

आपको बता दें कि, तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन करीब 8 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली के सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर महीनों प्रदर्शन के बाद किसानों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए गुरुवार से दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को जंतर-मंतर करीब 200 किसानों ने किसान संसद में भाग लिया.
किसानों ने ऐलान किया है कि, वे संसद के मानसून सत्र के खत्म होने तक ऐसे ही दिल्ली के जंतर मंतर पर रोजाना किसान संसद का आयोजन करते रहेंगे. गुरुवार को जंतर-मंतर पर आयोजित किसान संसद के दौरान भारतीय किसान यूनियन भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत किसान आंदोलन से जुड़े कई बड़े नेता शामिल हुए.
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. किसानों को बिल के जिन प्रवाधानों पर आपत्ति है उन्हें दूर किया जाएगा. वहीं. किसानों तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं. इसके साथ ही पूरा विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगा हुआ है.

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