सिद्धार्थनगर- उत्तर- प्रदेश पुलिस द्वारा एक बार फिर पुलिस का विभत्स रुप देखने को मिला है। पुलिस के इस अमानवीय चेहरे को देख कर सभी लोग हैरान व परेशान हैं। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा नया मोटर वाहन अधिनियम लागू किया गया है, जिसके बाद हेलमेट न पहनना व गाड़ी के कागजात साथ न रखना जिले के ही एक युवक को भारी पड़ गया। दरोगा व सिपाही ने बीच रोड पर युवक को बेरहमी से पीटा, जिसका वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हद तो तब हो गई, जब दरोगा युवक के कंधे पर बैठ गया और उसके पैरों को बूटों से दबाने लगा।
घटनास्थल पर बाजार के अनेकों लोग सड़क पर खड़े होकर तमाशा देख रहे थे, उन्हीं में से किसी युवक ने इस पूरे घटना क्रम की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस घटना पर संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थनगर डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने आरोपी दरोगा व सिपाही को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया है।
सोशल मीडिया पर पुलिस के इस बर्ताव को लेकर लोगों में गुस्सा है। ट्वीटर यूजर अमित सिंह पालीवाल लिखते हैं कि सिद्धार्थनगर पुलिस का यह गुंडई देखिए। छोटा बच्चा साथ में है और उसके सामने उसके परिवार वाले को कैसे पीटा जा रहा है, मां – बहन की गालिंया दी जा रही है। गाड़ी के चालान काटने का नया तरीका योगी सरकार ने ढूंढ लिया है।
दरअसल यह पूरा मामला खेसरहा थाना इलाके के सकारपारा चौकी इलाके का है। 10 सितंबर को चौकी प्रभारी वीरेंद्र मिश्र व सिपाही महेंद्र प्रसाद टीम के साथ वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान अपने भतीजे के साथ सामान लेने गया रिंकू नाम का युवक वहां से गुजरा। रिंकू के पास गाड़ी के कागजात नहीं थे। उसने हेलमेट भी नहीं पहन रखा। पीड़ित बगल के गांव कुड़जा का रहने वाला है। पुलिस वालों ने गुंडई दिखाते हुए मां-बहन की गाली देते हुए उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी।
रिंकू के साथ उसका भतीजा भी था, जो अपने चाचा को पीटते देख रो रहा था। लेकिन पुलिस वाले को मासूम बच्चे पर तरस नहीं आया, दोनों पुलिस वाले रिंकू को जब तक दम था, तब तक पीटते रहे। इस पूरे मामले पर जब एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि, वीडियो की जांच की गई। प्राथमिक जांच में दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। जिस पर चौकी इंचार्ज वीरेन्द्र मिश्र व मुख्य आरक्षी महेन्द्र प्रसाद निलम्बित कर लाइन हाजिर कर दिया गया है।
न्यूज नेटवर्क 24 के संवादाता अमित सिंह पालीवाल ने जब खेसरहा थाना प्रभारी से पूछा कि सरेआम किसी के मां-बहन को गालियां देने का क्या पुलिस के पास कोई विशेषाधिकार है या वह ऐसे ही गुंडई में देते हैं तो प्रभारी ने कहा कि पुलिस द्वारा गाली दिया जाना आपत्तिजनक है, यह अपराध की श्रेणी में आता है, इसके लिए उन पर धारा 504 व धारा 294 भी लागाया जा सकता है।
रिपोर्ट – न्यूज नेटवर्क 24