संप्रग के महत्वपूर्ण सहयोगी तृणमूल कांग्रेस, सपा और बसपा ने डीजल मूल्यवृद्धि और सब्सिडी आधारित रसोई गैस की संख्या सीमित किए जाने तथा बहु ब्रांड खुदरा में एफडीआई का विवादास्पद फैसला वापस नहीं लिए जाने पर इशारों इशारों में केंद्र से अपना समर्थन वापस लेने की चेतावनी दी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के सुधारवादी फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो उनकी पार्टी कड़ा फैसला करने में जरा भी नहीं हिचकिचाएगी। कोलकाता में एक रैली में बनर्जी ने कहा कि हमने इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को पार्टी की बैठक बुलाई है। अगर केंद्र डीजल की कीमतों में वृद्धि और मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेता है तो चाहे जितना भी कठिन हो हम फैसला करेंगे। मुझे उम्मीद है कि लोग गलत नहीं समझेंगे। जयललिता ने भी केंद्र के खिलाफ एफडीआइ्र को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने कहा कि हम संप्रग सरकार को नहीं गिराने के पक्ष में हैं। हम हमेशा से गठबंधन नहीं तोडऩे के पक्ष में रहे हैं, लेकिन हम लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। डीजल मूल्यवृद्धि वापस लिए जाने की मांग करते हुए बनर्जी ने हर साल सब्सिडी आधारित 24 सिलिंडरों की आपूर्ति किए जाने की मांग की है।
बहुब्रांड स्टोर खोलने का निर्णय राज्यों पर छोडऩे के केंद्र के फैसले का हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा कि क्या यह संभव है मैंने कभी इस बारे में नहीं सुना है। लखनऊ में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का विरोध करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में इसे लागू नहीं होने देगी।
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले के खिलाफ सपा द्वारा केन्द्र की संप्रग सरकार से समर्थन वापसी लेने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर अखिलेश ने कहा समर्थन जारी रहेगा या नहीं, इसका फैसला सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। सपा साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिये संप्रग सरकार को समर्थन दे रही है। मायावती ने केंद्र के फैसले को जन विरोधी बताया और कहा कि नौ अक्टूबर को एक रैली के बाद संप्रग को समर्थन जारी रखने को लेकर फैसला करेगी।