मंगलवार को शहरवासी आसमान में शनि, चंद्रमा व बृहस्पति ग्रह के मिलन के संयोग के दुर्लभ नज़ारे का आनंद ले सकेंगे। 12 मई की रात खगोल प्रेमियों के लिए बहुत खास होगी। क्योंकि 12 मई को भारतीय समयानुसार दोपहर में 3.10 मिनट पर बृहस्पति और चन्द्रमा के बीच की कोणीय दूरी मात्र 2.4 डिग्री रह जाएगी। वहीं  12 की ही रात्रि में करीब 11.48 पर शनि और चन्द्रमा के बीच की कोणीय दूरी मात्र 2.8 डिग्री रह जाएगी। जिससे इन दोनों ग्रहों के और चन्द्रमा के उगने के साथ ही ये तीनों एक त्रिभुज के आकार में आसमान में दिखाई देंगे।

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि यहां ये बताना भी जरूरी है कि मंगलवार को रात 11.48 पर ही चन्द्रमा का उदय होगा जबकि शनि 11.32 पर और वृहस्पति ग्रह 11.15 पर उदय हो चुके होंगे। इसीलिए हमें मिलन के संयोग, कंजंक्शन, सिर्फ शनि और चन्द्रमा का ही दिखाई देगा। मगर तब भी इससे इस खगोलीय घटनाओं की खूबसूरती कम नहीं होगी। यही नहीं कुछ लोग दिनांक 12 मई को चन्द्रमा, शनि, वृहस्पति ग्रह के इस त्रिभूजा कार आकृति को स्माइली फेस के रूप में भी देखना पसंद करेंगे क्योंकि इस दिन चन्द्रमा साढ़े बीस दिन का हो चुका होगा और यह 66.9% सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है।

14 से पश्चिम की ओर चलना शुरू करेगा बृहस्पति
सुमित ने बताया कि अब तक वृहस्पति ग्रह पूर्व गामी था। 14 मई से वृहस्पति ग्रह पश्चिम गामी गति शुरू करेगा। जिसे हम रेट्रोग्रेड मोशन के नाम से जानते है।

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