लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या करने के मुख्य आरोपी और कुख्यात शूटर गिरधारी को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. बताया जा रहा है कि गिरधारी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस राजधानी के खरगापुर इलाके में हत्या में प्रयुक्त असलहे की तलाश के लिए लेकर पहुंची थी. इसी दौरान गिरधारी ने असलहा छीनकर भागने का प्रयास किया और फिर मुठभेड़ में मारा गया.
पुलिस अभिरक्षा से भागने के दौरान मारा गया गिरधारी
6 जनवरी को विभूति खंड थाना अंतर्गत कठौता चौराहा के पास मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस हत्या में आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, अखंड और गिरधारी विश्वकर्मा नामजद आरोपी थे. गिरधारी ने नाटकीय अंदाज में अपने को दिल्ली पुलिस से गिरफ्तार करवाया था. पुलिस उसे पूछताछ के लिए पुलिस 13 फरवरी को रिमांड पर लेकर आई थी. सोमवार सुबह तड़के गिरधारी ने पुलिस अभिरक्षा से भागने की कोशिश की तो पुलिस ने भी उसे दौड़ाकर पकड़ना चाहा, लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग की इस दौरान पुलिस की तरफ से जवाबी फायरिंग में गिरधारी मारा गया.
एक लाख का था इनाम
गिरधारी विश्वकर्मा के ऊपर वाराणसी पुलिस एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. वहीं उससे पूछताछ के लिए वाराणसी पुलिस भी रविवार को विभूति खंड पहुंची थी. वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था. इस मामले में वाराणसी पुलिस ने भी 1 घंटे तक पूछताछ की थी. इसके पहले भी गिरधारी को रिमांड लेने के लिए वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी, लेकिन रिमांड नहीं मिली थी. गिरधारी के खिलाफ दर्जन भर से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इस मुठभेड़ के दौरान उप निरीक्षक अख्तर सईद उस्मानी के मुंह पर चोट आई है. वहीं अनिल सिंह को कंधों में गोली लगी है, जबकि विभूति खंड इस्पेक्टर चंद्रशेखर भी जख्मी हुए हैं.