मधुर मोहन तिवारी

  • इस तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
लखनऊ। अधिक मास की पूर्णिमा 1 अक्टूबर गुरुवार को है। अधिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करने, स्नान और दान का विधान है। पूर्णिमा के दिन या एक दिन पूर्व लोग श्रीसत्यनारायण व्रत करते हैं तथा उनकी कथा का श्रवण करते हैं। घर पर ही स्नान, दान आदि करें। फिर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करें।
राजधानी के ज्योतिषाचार्य एस एस नागपाल ने बताया कि अधिक मास पूर्णिमा मुहूर्त अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 सितंबर दिन बुधवार को देर रात में 12 :25 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 01 अक्टूबर गुरुवार को देर रात 02:34 मिनट तक रहेगी। इस तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। राहुकाल दोपहर 01:39 से दोपहर 03:09 तक रहेगा। उस दिन पंचक पूरे दिन रहेगा।

अधिक मास पूर्णिमा का महत्व

अधिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व इस लिए है कि यह मास भगवान विष्णु को समर्पित है। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करना मंगलकारी होता है और पूर्णिमा के दिन उनके ही श्रीसत्यनारायण अवतार की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। अधिक मास की पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और पूजा का कई गुना लाभ प्राप्त होता है। आप व्रत नहीं रह सकते हैं तो अपने घर श्रीसत्यनारायण की कथा भी सुन सकते हैं, जिसका आपको लाभ हो सकता है।

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