नई दिल्ली। भारत में किसान मंडियों में ऑनलाइन का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। वित्तीय वर्ष अप्रैल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किए गए राष्ट्रीय कृषि बाज़ार यानी एनएएम में कृषि मंडियों की संख्या 23 से बढ़कर 250 हो चुकी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने राष्ट्रीय कृषि बाज़ार के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने का ऐलान किया। और इस मौके पर उन्होंने मोबाइल एप लॉन्च किया।
राष्ट्रीय कृषि बाज़ार कृषि उत्पादों की खरीद-बेच के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है। एनएएम को सफल बनाने के इरादे से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हार्डवेयर, गुणवत्ता लैब आदि के लिए 30 लाख रुपये तक एकमुश्त राशि प्रति मंडी की दर से कृषि मंत्रालय उपलब्ध करा रही है। इसके अतिरिक्त एनएएम का मुफ्त सॉफ्टवेयर एवं सहायता हेतु एक वर्ष के लिए एक आई. टी. एक्सपर्ट भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
कृषि मंत्री के अनुसार 8 राज्यों की 23 मंडियों में पायलट के रूप में 14 अप्रैल 2016 को योजना शुरू की गई थी। और अब तक 10 राज्यों के 250 मंडियों में एनएएम प्लेटफार्म शुरू हो चुका है। आंध्र प्रदेश में 12, छत्तीसगढ़ में 5, गुजरात में 40, हरियाणा में 36, हिमाचल प्रदेश में 7, झारखंड में 8, मध्य प्रदेश में 20, राजस्थान में 11, तेलंगाना में 44, उत्तर प्रदेश में 67 मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाज़ार से जुड़ चुकी हैं। अब तक 14 राज्यों से 399 मंडियों को ई एनएएम से जोड़ने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इन सभी को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
कृषि मंत्री के मुताबिक अब तक 421 करोड़ रुपये के 153992.7 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों का कारोबार एनएएम पर हो चुका है। अब तक 160229 किसानों, 46688 व्यापारियों और 25970 कमीशन एजेंटों को एनएएम प्लेटफार्म पर पंजीकृत किया जा चुका है। एनएएम के ऑनलाईन पोर्टल में किसानों के लिए बिक्री उपरांत ऑनलाइन भुगतान का प्रावधान उपलब्ध कराया गया है। और हर राज्यों से किसानों के बैंक खाते में बिक्री मूल्य के प्रत्यक्ष अंतरण को बढ़ावा देने का अनुरोध किया गया है। मार्च 2018 तक एनएएम के प्रथम चरण में कुल 585 मंडियों का जोड़ने का लक्ष्य है। जो 400 मंडियों का मार्च 2017 तक एनएएम प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।