कंप्यूटर और मोबाइल जैसे गैजेट्स बनाने वाली दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी एप्पल अब जल्द ही भारत में अपने 500 स्टोर खोलने जा रही है. हालांकि भारत के बारे में एप्पल के ‘बिग बॉसेस’ का रवैया पहले कुछ और ही था. लेकिन अब तेजी से बढ़ती हुई भारत की मोबाइल मार्केट के चलते एप्पल ने अपनी पहले की अवधारणाओं से किनारा कर लिया है.
एप्पल के दीवानों की दुनियाभर में कमी नहीं है और भारत में भी एप्पल आईफोन, आईपैड टैबलेट और आईपॉड मीडिया प्लेयर की हसरत पालने वाले कम नहीं हैं. शुरुआत में कंपनी देश के बड़े शहरों में 500 ‘आईओएस’ स्टोर खोलने का प्लान बना रही है, इसके बाद छोटे शहरों पर भी एप्पल की नजर है.
अमेरिकी बाजार में 700 बिलियन डॉलर की यह कंपनी 2011 से भारत में मौजूद है, लेकिन इसकी उपस्थिति वैसी नहीं है जैसी चीन जैसे अन्य देशों में है. जबकि एप्पल से कड़ी टक्कर लेने वाली कोरियाई कंपनी सैमसंग भारतीय मोबाइल बाजार पर राज करती है. एक अंग्रेजी दैनिक ने कंपनी के सू्त्रों के अनुसार खबर दी है कि कंपनी अब भारत को लेकर गंभीर है और जल्द ही भारतीय बाजार में अपनी जबरदस्त धमक देने को तैयार है.
कंपनी ने 2014 में सितंबर तक भारतीय बाजार में करीब 10 लाख मोबाइल फोन बेचे हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक यह आंकड़ा 30 लाख तक जा सकता है. एप्पल इस समय रेडिंग्टन और इंग्राम दो डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए भारत में अपने उत्पाद बेचता है. रेडिंग्टन भारत में एप्पल का सबसे बड़ा पार्टनर है और एप्पल के उत्पादों की भारत में 70 फीसदी बिक्री इसी के द्वारा होती है.
सूत्रों के अनुसार कंपनी को लगता है कि भारत के छोटे शहरों जैसे अमृतसर, पठानकोट, मोगा, कोयंबटूर, त्रिची, नागपुर और नासिक जैसे शहरों में भी कंपनी के उत्पादों को लेकर बड़ी संभावना है. फिलहाल कंपनी के उत्पाद दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई में एप्पल के उत्पाद ज्यादा बिकते हैं.