मुसीबत के समय डरने के बजाय परिस्थितियों का डटकर सामना करने वाले देशभर के 25 बहादुर बच्चों में 16 लडक़े व 9 लड़कियों, को वर्ष 2013 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया है। इसमें से पांच बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार मिला है। गणतंत्र दिवस से पहले 24 जनवरी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सभी को पुरस्कृत करेंगे। पुरस्कार हासिल करने और गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए सभी बच्चे दिल्ली पहुंच गए हैं और 27 जनवरी तक यहीं रहेंगे। दिल्ली में यमुना विहार निवासी आठ वर्षीय महिका गुप्ता को वीरता पुरस्कार श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ श्भारतश् अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। जयपुर की मलाइका सिंह टांक ख्15, को श्गीता चोपड़ाश् अवॉर्ड तो महाराष्ट्र के जलगांव निवासी शुभम संतोष चौधरी ख्16, को श्संजय चोपड़ाश् अवॉर्ड के लिए चुना गया है। उत्तर प्रदेश की मौसमी कश्यप ख्10,ए आर्यन राज शुक्ला ख्13,ए महाराष्ट्र के संजय नवसु सुतार ख्17,ए अक्षय जयराम रोज ख्13,द्ध व तन्वी नंदकुमार ओव्हाल ख्7, को मरणोपरांत श्बापू गैधानीश् अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इनके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश की शिल्पा शर्मा ख्14,ए मध्य प्रदेश के सौरभ चंदेल ख्13, और छत्तीसगढ़ के अभिषेक एक्का ख्13, को भी मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।
इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर ख्आइसीसीडब्ल्यू, की तरफ से शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संस्था की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने बताया कि भारत अवॉर्ड विजेता को 50 हजारए गीता चोपड़ा व संजय चोपड़ा अवॉर्ड विजेता को 40 हजार जबकि बापू गैधानी अवॉर्ड विजेता को 20 हजार रुपयेए प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान दिया गया। इसके अलावा बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए इंदिरा गांधी छात्रवृत्ति और मेडिकलए इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी। मरणोपरांत बच्चों की सुविधाएं उनके भाई.बहनों के लिए हैं। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार वर्ष 1957 से हर साल दिया जा रहा है। अब तक कुल 871 बहादुर बच्चों को यह पुरस्कार मिल चुका है। इनमें 618 लडक़े तथा 253 लड़कियां शामिल हैं।